एमएमएमयूटी में लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई, वाइस चांसलर ने टीचर्स से कही ये बात

एमएमएमयूटी में लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई, वाइस चांसलर ने टीचर्स से कही ये बात


वैश्विक महामारी COVID-19 के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित ना हो इसको ध्यान में रखते हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सभी शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से पठन पाठन संचालित करने के निर्देश दिए हैं| आज कुलपति प्रो श्रीनिवास सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ एक एक कर बैठक की और इस सम्बन्ध में हुई प्रगति की समीक्षा भी की और सुझाव भी लिए|


समीक्षा के दौरान उन्होंने विभागाध्यक्षों से कहा वे सुनिश्चित करें कि सभी शिक्षक छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन (ई-मेल या अन्य माध्यमों से) क्लास नोट्स/ ई-बुक्स आदि उपलब्ध कराएँ जिससे कि विद्यार्थी घर पर रहते हुए भी पढाई कर सके| उन्होंने कहा कि शिक्षक अन्य ऑनलाइन माध्यमों जैसे कि  स्वयं पोर्टल, यूजीसी मूक्स, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयंप्रभा पोर्टल आदि पर उपलध विडिओ लेक्चर, एवं नोट्स आदि का लिंक छात्रों को उपलब्ध कराएँ| इसके साथ ही शिक्षकों को स्वयं ऑनलाइन कोर्स विकसित कर छात्रों को शेयर करने को भी कहा गया है| यदि संभव हो तो शिक्षक आवश्यक पाठ्यपुस्तकों के चैप्टर्स को मोबाइल से स्कैन कर छात्रों को उपलब्ध करा दें ताकि वे छात्र जो अपनी पुस्तकें न ले जा पाए हों, वे भी पढ़ सकें| कुलपति ने छात्रों की प्रगति की समीक्षा के लिए शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को हर सप्ताह एक होम असाइनमेंट देने का भी सुझाव दिया है|


शिक्षक असाइनमेंट के रूप में प्रश्न देंगे जिन्हें छात्रों को हल कर शिक्षक की ई-मेल पर स्कैन कर के भेजना होगा| विवि खुलने पर इन्हीं साप्ताहिक होम असाइनमेंट के आधार पर मौखिक परीक्षा ली जाएगी जिसके आधार पर आतंरिक मूल्यांकन के अंक दिए जाएँगे| बी टेक/ एम टेक अंतिम वर्ष के छात्र जो इस समय प्रोजेक्ट कर रहे हैं, उन्हें अपनी मध्यावधि प्रगति आख्या अपने शोध निर्देशक के ई-मेल पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं|


कुलपति ने विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि जिन बी टेक/ बीबीए/ एमबीए/ एमसीए छात्रों को इस ग्रीष्मावकाश में इंटर्नशिप/ प्रोजेक्ट करना है , उन्हें निदेशक आवंटित कर शीर्षक निर्धारित कर दिए जाएँ जिससे कि छात्र अपना काम शुरू कर सकें| शिक्षकों को सुझाव दिया गया है कि उनके निर्देशन में पीएचडी कर रहे प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रत्येक सप्ताह कम कम से कम पांच शोध पत्र पढ़ कर उसका सारांश बनाकर अपने शोध निर्देशक को प्रस्तुत करने को कहा जाए| शेष पीएचडी छात्रों को हिदायत दी गयी है कि वे अपने गाइड के निर्देशन में अपने शोध कार्य पर आधारित शोध पत्र तैयार कर उच्चस्तरीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशनार्थ भेजें| इसके साथ ही सभी पीएचडी उपाधिधारक शिक्षकों को कहा गया है कि वे अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में एक रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार कर अनुदान हेतु राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं को प्रेषित करें|